सऊदी अरब के अल अरबिया समाचार साइट का हवाला देते हुए IQNA की रिपोर्ट के अनुसार,इस समझौते के आधार पर श्रमिकों का प्रेषण अगले वर्ष शुरू होगा। अफगानिस्तान गणराज्य के श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री, फ़ैज़ुल्ला ज़की ने काम के प्रवासन के लिए राष्ट्रीय रणनीति की घोषणा के एक समारोह में कहा, इस संदर्भ में संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों के साथ समझौता होगया है। हम जल्द ही सऊदी अधिकारियों के साथ भी एक समझौता करेंगे।
अफगानिस्तान के श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री ने जोर दिया कि सरकार का प्रयासस है कि बेरोजगारी दर को कम करे और अफगान श्रमिकों को दूसरे देशों में भेजने के क्षेत्र में कानूनी सुरत प्रदान करे। इस मंत्रालय की राष्ट्रीय आप्रवासन रणनीति मदद करती है ता कि विदेशी देशों में कुशल अफगान श्रमिकों को काम करने के अवसर प्रदान हों।
अफगानिस्तान मध्य पूर्व के सबसे गरीब देशों में से एक है; इस देश में युद्ध ने असुरक्षा और बेरोजगारी में वृद्धि की है। अफगान सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में देश में काम करने के लिए योग्य दो मिलियन बेरोजगार लोग हैं, और प्रत्येक वर्ष यह आंकड़ा बढ़ रहा है।
अफगानिस्तान सांख्यिकी केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक,देश में बेरोजगारी दर 2015 में 35% से बढ़कर 2016 में 40% हो गई है।
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